Sunday, August 30, 2009

...दो

अगर खवाब है तो खवाब ही रहने दो,
जितनी मिलती है ज़िन्दगी, उससे मुझे मिलने दो ।

जाग कर भी अगर ना मिल सको तुमसे ,
मुझे मेरे फरिस्ते फिर बस सोने दो ।

रेत का एक ज़ज्बात है खड़ा साहिल पर ,
लहरों में डूब उसे भी मोती बनने दो ।

एक चाँद ने अकेले कई रात यू काटी है ,
अब तो 'कबिर' उसे भी एक सितारा होने दो ।

चला है साथ ज़माने से ज़माने तक,
शाम के संग उसे यूँ बेबाक आजाद मत होने दो ।

3 comments:

  1. Expressin it in the Rock n Roll way man ....

    I dont want to open my eyes
    I dont want to wake from this
    'Coz I'm with you baby
    And I just dont want to miss
    I dont want to miss one smile
    I dont want to miss one kiss
    'Coz even if you are just a dream
    You are just too good to miss


    : 0)

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  2. too good..

    mujhe kucch purani poetry kee yaad dila deee tune..

    जब शाम का हुस्न उड़ जाता हिं..
    दिन भी कलि रात लगने लगता हैं..
    उनका इंतजार उस शाम तक हैं..
    जो कभी टकराएगी नहीं…
    पता हैं व्हो नहीं आएंगे
    पर उनके इंतजार मैं हम पलकें तो बिच्चायेंगे
    साथ थे जब व्हो तो वही शाम सुंदर थी..
    आज व्हो स्याह रंग से रंगी हुई…
    डरती हुई..
    सताती हुई..
    वोह शाम कब आयेगी..
    जब साथ होगा उनको..
    वोह शाम का हुस्न फ़िर हसीं होगा..
    न कभी ख़त्म हो व्हो शाम आ जाए..
    पर फिलहाल तो बस इंतजार हैं उस शाम का…

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  3. Anonymous12:56 PM

    last line samjh ni aayi ..
    aur
    अब तो 'कबिर' उसे भी एक सितारा होने दो
    agar yeh hota

    अब तो 'कबिर' उसे भी एक सितारा milne दो

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