वोह देखो हँसता है वोह देखो रोता है, वो दिनों को देखो जीता है,
वोह न रुकता है वो न थमता है, पर कभी वो थका भी दिखता है ...
जो मिला वो कभी चाह नहीं, जो चाहा वो कभी मिला नहीं,
मेरी ज़िन्दगी की किताब को जाने कौन लिखता है ...
मेरी दिल के आरजोयो में अब कहीं कोई नाम नहीं ,
जो थे वो कहीं मिट गए, नए अब मैं बस लिखता नहीं...
-तुषार
bahut khoob..
ReplyDeletemaja aa gaya
its truely touching..
ReplyDeleteits truely touching..
ReplyDeleteThanks Mannat, hope to see your views on other posts as well
DeleteTushar