Saturday, April 26, 2008

क्यों हुआ कब हुआ क्या ख़बर...

क्यों हुआ कब हुआ क्या ख़बर,
आखं खुली तू नहीं हम बेखबर,
सोचा उस ने कुछ भी नहीं मगर,
रह गए तनहा हुयी न सहर;

क्यों अचानक यह ख़बर आई,
गए तुम रह गया दिल दर्द तन्हाई,
एक खालीपन दूजा गम गहराई,
कैसे छूटे प्यार की परछाई;

तुम मुस्कुराते हो नयी जिन्दगीं में,
बैठे हम फिर भी झूटी आस में,
तोड़ गए सारे रिश्ते यूँ झटके में,
उलझे हम बिखरे वादों में;

एक फूल मेरे आगन का,
ले गया कोई सपना आखों का,
बैठी आखे हश्र दिल के चाहत का,
काला आकाश बिन तारओ का;
-तुषार

1 comment:

  1. The greatest love remains the greatest love as it is never attained.
    It is cherished and remembered.

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