क्यों हुआ कब हुआ क्या ख़बर,
आखं खुली तू नहीं हम बेखबर,
सोचा उस ने कुछ भी नहीं मगर,
रह गए तनहा हुयी न सहर;
क्यों अचानक यह ख़बर आई,
गए तुम रह गया दिल दर्द तन्हाई,
एक खालीपन दूजा गम गहराई,
कैसे छूटे प्यार की परछाई;
तुम मुस्कुराते हो नयी जिन्दगीं में,
बैठे हम फिर भी झूटी आस में,
तोड़ गए सारे रिश्ते यूँ झटके में,
उलझे हम बिखरे वादों में;
एक फूल मेरे आगन का,
ले गया कोई सपना आखों का,
बैठी आखे हश्र दिल के चाहत का,
काला आकाश बिन तारओ का;
-तुषार
The greatest love remains the greatest love as it is never attained.
ReplyDeleteIt is cherished and remembered.