My shadow
Expressions ...as felt...as said...as framed...
Tuesday, March 03, 2009
तब...अब
उसके एक नज़र के दीदार के लिए
गली में आज भी जाते तो है
तब फूलो के चेहरे थे जिए
अब आंसू समेटे आते है
-कबीर
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