Wednesday, October 19, 2011

...घर...

क्या छुट गया पीछे , घर में, कौन देखे मुड के ?
कहीं थोड़ी सीलन , कहीं चोबे उतारी तस्वीरो के
कुछ दरवाज़े खुले , कमरों के, कुछ चेहरे खाली आइनों के
कुछ बाँध लिया पेटी में, कुछ पीछे रह सिक्के दादू के...
-तुषार

1 comment:

  1. Speechless.

    कुछ बाँध लिया पेटी में, कुछ पीछे रह सिक्के दादू के...

    how much you take with you, something would remain behind. it is the price you pay for it. So good.

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