आज बहूत रोना चाहता हूं
घर ढूंढ रहा हो माकन से जाना चाहता हूं
अपनों से दर्द छुपा लेता हूँ
बेगानो से जुदा रहना चाहता हूँ
कहते है ज़िन्दगी मेरी है , पर रस्ते नहीं
इन राहो से बस अब गुज़र जाना चाहता हूं-तुषार
My Shadow by Tushar Sharma- 'Kabir' is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Based on a work at www.myshadewithshadow.blogspot.com.
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