Thursday, December 04, 2008

होता ...

तुझे भुलाना इतना मुश्किल तो न होता

अगर साथ दिल और ज़माना कुछ ऐसे देता

ना तेरे नाम से मेरा ज़िक्र उभरता

ना मेरे ज़िक्र से यू तू पशेमान होता

-तुषार

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