Expressions ...as felt...as said...as framed...
आज तनहा कुछ ऐसे है की तन्हाई भी न मिले;
जिस शहर की रौनक से थे हम खेला कभी किये,
वोह बस्ती आज अनजान बेगानों सी है मिले ...
-तुषार
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