Sunday, May 29, 2011

मेरे तीन प्यारो के लिए ...

पत्थर हुआ नहीं ,थोड़ी नमी शायद बाकी है ;
नन्ही हंसी आज भी कभी युही धुंधली हो जाती है ;


-तुषार



No comments:

Post a Comment