सवाल अब कोई पूछे नहीं जाते तुझसे ,
ज़िन्दगी इस शर्त पर ही तो मिले है हमे;
कुछ था ही नहीं मेरा पास मेरे , जो तू ले गया ,
किस्मत शायद तेरी , खुदा ने बक्श दी थी हमे;
मुस्कराहट की रौशनी है लबो पे सबकी ,
दर्द रातों को ही तो बस जगाता है हमे;
कुछ रिश्ते बड़े महगे हुए ‘कबीर ’ तेरे ,
रोये वोह तो उनकी कीमत पता चली हमे ;
On valentine day rose killing :
गुलाब बिछड़े कई अपनों से , महकाए कई चेहरे ,
कुछ ऐसे ही खुद के लिए , ज़माने ने अपनाया है हमे
-तुषार
daRD..
ReplyDeletebhai ab to aisa na likha kar..
too much pain..still lies in ur poetries..