Sunday, May 29, 2011

जज्बात ...


1. ”ऐसा नहीं की अपनी कोई कहानी नहीं
लफ्ज़ अपने बस बक्श दिए है हमने ”-

2. "ज़िन्दगी तुने बहूत कुछ दीया है हमे ,
हंसी हमारी शायद हमसे ही खो गयी है "

3. "तन्हाई की भी खुदा अजब रौनक है,
किसी की भी कहानी का हिस्सा नहीं हम,
सब चल रहे है सोचकर बस ये 'कबीर'
चाँद मिला तो सितारे खोने का क्या है गम"


-तुषार

2 comments:

  1. my fav one goest to 3 one..though all are great..

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  2. why 2011 is so painful in terms of your nib and ink...

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