१
उस मोड़ पे मिले, इस मोड़ तक चले हमदम
ज़िन्दगी पा ली तेरे साथ से हर कदम !
२
उस मोड़ पे मिले, इस मोड़ तक चले हम
ज़िन्दगी की डगर मंजिल तू ए हमसफ़र
कभी बढे कभी रुके रह के कदम
तू साथ बस, चाहत और हम बेखबर ।
३
हर मोड़ मुढा है मंजिल-ऐ-जान के लिए,
बेखयाल के अदा-ऐ-पता बदल गया ।
-तुषार
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