Friday, May 22, 2009

...पता ही नहीं

क्यों दिल को आज कोई एहसास ही नहीं,
न गम न खुशी कुछ भी जैसे साथ नहीं,
फिर भी क्यों अकेले बैठे यू ही कहीं,
मुस्कुराती कभी नम है आखें , पता ही नहीं ...
-तुषार

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