My shadow
Expressions ...as felt...as said...as framed...
Friday, June 18, 2021
वो साथ गुज़ारी शामों के ...
वो साथ गुज़ारी शामों के ,
कुछ कदम तुमने रखे ,
कुछ राह मैंने थामी ,
वही थे पल , एक साथ गुजरे ,
कुछ याद तुमने चुनली ,
कुछ याद मैंने पाली ,
सालो बाद वही शाम है ,
कुछ लम्हे तुमको हँसाती ,
कुछ बातें हमको जगाती !
-कबीर (तुषार)
My Shadow
by
Tushar Sharma- 'Kabir'
is licensed under a
Creative Commons Attribution 3.0 Unported License
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Based on a work at
www.myshadewithshadow.blogspot.com
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