Thursday, May 28, 2009

night & friend ...

I have befriended moon and stars,
Talking of love and daily little wars;
They are so far yet seen and felt so near,
They always listen with smile so clear;
With night they come, with me have a stay
Till I find my dreams, through goodnight way…

-Tushar

Wednesday, May 27, 2009

Light...

I can see the dark tree, through the door, lit by moon;
But I fail to see the thought inside my heart’s room,
Waiting for love’s light to enter and fill this room,
So my soul also will be the tree from other’s room;
Away from shadows, into the peace rain …
For light and love, for innocence to retain … -Tushar

Tuesday, May 26, 2009

...Sleepless..

Sleepless in room, but not at home
I walk under the starry sky, woken and lone;
Hope the night was dark, off were lights on the lane;
In dreams I was, for the reason that night came;
-Tushar

Friday, May 22, 2009

...पता ही नहीं

क्यों दिल को आज कोई एहसास ही नहीं,
न गम न खुशी कुछ भी जैसे साथ नहीं,
फिर भी क्यों अकेले बैठे यू ही कहीं,
मुस्कुराती कभी नम है आखें , पता ही नहीं ...
-तुषार

...पता ...

यू बरबस किसी ने पूछ लिया, "कहाँ रहते हूँ इस ज़माने में" ?
"दिल में रह न सके किसी के", कहाँ हमने ," बस सोते है मकानों में" ।
-तुषार

...acceptance...

Sitting for dinner with all faces unknown,
I am calm waiting for food to be shown,
has the known world strangely grown,
OR this strange world now is accepted as own.
-Tushar
PS: feeling while I was getting used to have dinner alone, post 232 .

...रिश्ता...

वो अल्फाज़ नहीं जो दिल से उतर जाए,
वो खामोशी नहीं जो दिल मैं बस जाए,
रिश्ता है वही, जो नम नज़र यूँ जान जाए,
गम है जो हसाए, या खुसी ही बस यूँ रुला जाए ।

-तुषार

पीला चाँद ...


वो चाँद दूर देखो सिन्दूरी रंग से,
कल-कल से उड़ चला, मिला आसमान के मन से;
कुछ पीले, कुछ नीले और बस एहसासों से,
कुछ मेरा खवाब है जैसे रंगा तेरे संग से ।
-तुषार

Tuesday, May 19, 2009

...जाएगा...

बादल बरसा तो , एहसास बदल जाएगा,
सूखी धरती पे फिर फूल खिल जाएगा ।

गम के दाग तो देख चलते सूख जायेगे ,
उसका नाम भी क्या दिल से भूल जाएगा।

वो रुके ठहरे और कहीं सो जाए , ऐ 'कबीर',
तू आया है तो बस तू चलता ही जाएगा ।

तू मांगे न मांगे , सोचे न सोचे, वो दुआ,
देख 'खुदा' काटो के साथ फूल भी दे जाएगा ।

दिल तेरा ज़िन्दगी की एक सराय ही तो है ,
नामो से भरेगा और फिर तनहा रह जाएगा ।
-तुषार

Monday, May 18, 2009

...पर...

वो ढलक गया अपने एक एहसास सा ,
न मेरा रहा, न ही हो सका पराया सा ,
पर जाना अब बादल क्यों बरसता है,
पर क्यों नहीं ये बादल ठहराता है ?

वो पत्ती सूख गई गुलदस्ते मैं,
वो ख़ुद न रहा, रहा बस कमरों मैं,
पर क्या कोई ऐसे ज़मीन से बिछडा है ?
पर क्या कुछ कही माँ से छूटा है ?

वो सपना आखों मैं ही रहा तो क्या ?
वो तस्वीर को तस्सुवर न मिला तो क्या ?
पर ज़िन्दगी की उससे एक चाह तो है ,
पर उससे मिलने, पाने ही राह तो है ।

वो रिश्ता तो है पर कुछ बदला सा है ,
वो मुस्कुरा के कुछ मचला तो है ,
पर चाह से पाना ही तो बस नहीं जीवन है ,
पर माना बदले रंगों मैं भी ज़िन्दगी होती है ।
-तुषार

...तेरे प्यार का ही तो है

वो रात सौंधी भीगी है,
वो चाँद हल्का पीला है ।
वो तेरी जुल्फ ही तो है ,
वो तेरा चेहरे का रूप ही तो है ।

वो हवा भीनी छू जाती है ,
वो बदली श्याम सी हो जाती है ।
वो तेरी हया सी हँसी ही तो है ,
वो तू शर्म से सिमटी सी तो है ।

वो पत्ती सुर्खसी मोतीहै ,
वो कोयल कुहुक जाती है ।
वो तेरे लबो की चोरी ही तो है ,
वो तेरी धड़कन की बोली ही तो है ।

वो रास्ता ढाका छाव सा है ,
वो मौसम प्यारा गाँव सा है ।
वो सफर तेरे साथ का ही तो है ,
वो घर तेरे प्यार का ही तो है ।
-तुषार

Wednesday, May 06, 2009

I am hungry...

I am hungry, for the mom’s food,
At times left in tantrums being rude;

I want to be woken up in morning by my father,
Wanting two more minutes, than waking up rather;

I miss the bus stop and the bus to school,
Which was skipped,to prove I am a dude cool;

I want to steal chocolates from my sister cupboard,
A lot I have, but no one to share them on board;

I wish to draw the bicycle ride along the railway line,
Just be free like growing years moving like beeline;

I yearn for those class tests which gave me shiver,
Having those goose-bumps and that naughty fever;

I long for intrusion in late eve game, the calling tone,
Which I now hear with same warmth over the phone;

I wish, I want; I yearn and long for the life gone,
When I wished to be here and now wish for gone;

I see ‘Adee’ doing some what I did and doing all this one day,
Moving ahead and growing, smiling and missing gone someday...

-Tushar
PS: Adee is my elder nephew