Friday, July 29, 2011

???

वोह देखो हँसता है वोह देखो रोता है, वो दिनों को देखो जीता है,
वोह न रुकता है वो न थमता है, पर कभी वो थका भी दिखता है ...

जो मिला वो कभी चाह नहीं, जो चाहा वो कभी मिला नहीं,
मेरी ज़िन्दगी की किताब को जाने कौन लिखता है ...


मेरी दिल के आरजोयो में अब कहीं कोई नाम नहीं ,
जो थे वो कहीं मिट गए, नए अब मैं बस लिखता नहीं...

-तुषार


Wednesday, July 27, 2011

आज फिर ...था.....

आज फिर बरस गया
आज फिर भीग गया
कागज़ सा एक खवाब था ...

आज फिर कह गया
आज फिर सह गया
पत्थर सा एक आदम था...

आज फिर हंस गया
आज फिर बह गया
आईने सा एक चेहरा था...

आज फिर रुक गया
आज फिर ठहर गया
सोच सा एक दर्द था ...

आज फिर मिल गया
आज फिर खिल गया
ओस सा रिश्ता था ...
-तुषार