Tuesday, June 07, 2011

कहानी और सच...

दादा दादी की कहानी बड़ी प्यारी थी,
पर दादा-दादी ने बोला झूठ था मुझे,
न होती है परी, न होता है हातिम ...

कुछ मगर सचाई उन कहानी में भी थी,
शैतान से डर तब भी लगता था मुझे,
चाँद उनमे भी बस मुस्कुराता था हसीन...

ज़िन्दगी है ये और कहानी रही वोह थी,
वहां सुकून राजकुमारी, 'कबीर' यहाँ मिला मुझे,
सचाई के दिन, सपने की बातें फैली यही कहीं ...
-तुषार